इजराइल आज -हमास की लड़ाई का 29वां दिन है। इजराइली सेना ने कहा कि गाजा अब दो भागों में विभाजित हो गया है। दक्षिण गाज़ा में हम लोगों को मानवीय सहायता दे रहे हैं। वहां हर हमास लड़ाका मार डाला जाता है। वहीं नॉर्थ गाजा में संघर्ष बढ़ा है। फिलिस्तीनियों की जान वहाँ खतरे में है।
इजराइल ने शुक्रवार रात अल-शिफा अस्पताल के पास एक एम्बुलेंस पर हमला किया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में 13 लोग मारे गए हैं। इजराइली सेना ने कहा कि हमास के सैनिकों ने इस एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया था। इससे उन्हें उत्तरी गाजा छोड़ने का लक्ष्य है।व्हाइट हाउस, दूसरी ओर, हमास गाजा से बाहर निकल रहे विदेशी नागरिकों की सूची में अपने लड़ाकों का नाम भी शामिल कर रहा है। इसके जरिए वह उन्हें मिस्र भेजना चाहता है। वहीं अलजजीरा ने कहा कि इजराइल ने अल नासर बच्चों के अस्पताल पर बमबारी की है। इसमें बहुत से लोगों की मौत की खबर है।शुक्रवार को इजराइल में फंसे गाजा के हजारों फिलिस्तीनी कर्मचारियों को घर जाने की अनुमति मिली। दरअसल, करीब 17 हजार फिलिस्तीनियों को इजराइल में काम करने की अनुमति दी गई है। 3300 फिलिस्तीनी जंग में फंस गए। शुक्रवार रात बमबारी के बीच इन्हें साउथ गाजा भेजा गया।फिलिस्तीनी न्यूज चैनल का संवाददाता मोहम्मद अबु हताब इजराइली हमलों के बीच गाजा के खान यूनिस में मर गया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि इस हमले में पत्रकार के परिवार के ग्यारह लोग भी मारे गए।
हिजबुल्ला ने कहा कि पश्चिमी देशों को बड़ा झटका देना चाहिए|राइल-हमास संघर्ष के शुरू होने के बाद शुक्रवार को हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने लेबनान में लोगों को पहली बार संबोधित किया। नसरल्लाह ने कहा कि पश्चिमी देशों और इजराइल में मौजूद उसके समर्थकों को “बड़ा झटका” देना चाहिए ताकि वे हिल जाएं। यह झटका इतना बड़ा होना चाहिए कि कब्जा करने वाले यहूदियों के वॉशिंगटन और लंदन के समर्थकों को विचलित कर सके।नसरल्लाह ने कहा कि अमेरिका और इजराइल कभी हमें नियंत्रित नहीं कर सकते। 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया। वह इसे हर समय याद रखेगा।शहीद होने वाले सभी लड़ाकों को बधाई। वह इस जहान से चला गया|
नेतन्याहू ने कहा कि कैदियों को रिहा करने तक सीजफायर नहीं होगा।इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कुछ देर बाद देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह और हमारे दुश्मन बहुत अच्छे से जानते हैं कि अगर वह कुछ भी करता है, तो उसे इतनी कीमत चुकानी पड़ेगी कि वह सोच भी नहीं सकता।नेतन्याहू ने अमेरिका से मानवीय सहायता के लिए कुछ समय तक सीजफायर की मांग भी ठुकरा दी। नेतन्याहू ने कहा कि मैं अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन से बातचीत की है। मैंने उन्हें बताया कि हम सीजफायर का विचार भी नहीं कर सकते जब तक सभी बंधक रिहा नहीं किए जाते।
नेतन्याहू ने कहा कि शत्रु हमारे देश को समाप्त करना चाहते हैं। उन्हें हार मिलेगी। हम इस बार रुकना नहीं चाहते। इसका अर्थ है कि हमास और अन्य शत्रुओं को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जाएगा। दुश्मन को हमारे नागरिकों और सैनिकों ने जो कुर्बानी दी है, उसका हिसाब देना होगा।