भोपाल। भोपाल के कमला नेहरु सरकारी अस्पताल के शिशु वार्ड में आज रात आग लगने के कारण तीन बच्चों की मृत्यु हो गयी। हालाकि वार्ड में और अधिक बच्चे मौजूद थे, जिन्हें अस्पताल के ही सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर उनका इलाज प्रारंभ किया गया। रात्रि में अस्पताल की तीसरी मंजिल पर शार्ट सर्किट के कारण आग लगने के कारण वार्ड में धुंआ भर गया। बताया गया है कि वार्ड में लगभग तीन दर्जन से अधिक बच्चों का इलाज चल रहा था। अफरातफरी के माहौल के बीच दमकल विभाग के कर्मचारियों ने जहां आग पर काबू पाया, तो अस्पताल के कर्मचारियों की मदद से बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, लेकिन तीन बच्चों को नहीं बचाया जा सका।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि तीन बच्चे असमय मृत्यु का शिकार हुए हैं। यह पीड़ादायक घटना है। उन्होंने बच्चों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि वे प्रभावित बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। श्री चौहान ने कहा कि इस घटना की जांच अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी से करवायी जाएगी। उन्होंने कहा कि वे घटना के बाद बचाव और चिकित्सा कार्य की निरंतर जानकारी ले रहे हैं। अस्पताल में अपने परिवार के दो शिशुओं का इलाज कराने आए एक ग्रामीण रमेश दांगी के अनुसार वह वार्ड में बच्चों को दूध लेकर गया था, तभी वहां पर आग लगने के बाद धुंआ धुंआ ही दिखायी दिया। उसने वार्ड के कांच तोड़ने के प्रयास किए, ताकि धुंआ निकल जाए।
लेकिन वह पूरी तरह सफल नहीं हो पाया। इसके बाद से उसे उसके दोनों बच्चे भी नहीं दिखे। घटनास्थल पर मौजूद अन्य बच्चों के परिजनों ने मीडिया से कहा कि उन्हें भी आग लगने की घटना के बाद वहां से हटा दिया गया और वार्ड में अंदर नहीं जाने दिया गया। वहीं जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटनास्थल पर मौजूद मीडिया को बताया कि शार्ट सर्किट के चलते अस्पताल की तीसरी मंजिल पर स्थित शिशु वार्ड में आग लगी और इस पर समय रहते काबू पा लिया गया। इसके साथ ही बच्चों को अस्पताल कर्मचारियों की मदद से अस्पताल में ही अन्य सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस घटना के संबंध में और जानकारी अस्पताल प्रबंधन या जिला प्रशासन बाद में देगा।
घटना की सूचना मिलते ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्वयं प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में चिकित्सकों और अन्य चिकित्सा स्टाफ की मदद से वार्ड में मौजूद बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बताया गया है कि वार्ड में लगभग तीन दर्जन बच्चे मौजूद थे। इस वार्ड में मुख्य रूप से नवजात बच्चों का इलाज किया जाता है। आग लगने के बाद बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उनका इलाज प्रारंभ किया गया और उन्हें ऑक्सीजन इत्यादि मुहैया करायी गयी। भोपाल संभाग आयुक्त गुलशन बामरा और अन्य वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और देर रात तक मौजूद रहे।