अमेरिका के नाम पर 18 लाख की ठगी में 70 साल की महिला गिरफ्तार

राष्ट्रीय

नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी के एक मामले में अमेरिका भेजने के नाम पर 18 लाख रुपये की ठगी की आरोपी 70 साल की एक महिला को गिरफ्तार किया है। वह 13 वर्षों से फरार थी। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर के सिंह ने बुधवार को ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि आरोपी कुलविंदर कौर को दिल्ली में चांदनी चौक क्षेत्र से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। वह पंजाब के गुरुदासपुर की निवासी है।
पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन एवं सहायक पुलिस उपायुक्त कपिल परासर की देखरेख में निरीक्षक विनोद यादव, उपनिरीक्षक विक्रम सिंह, हवलदार श्यामवीर के एक दल ने एक सूचना के आधार छापेमारी कर गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि ‘कबूतरबाजी’ यानी मानव तस्करी के इस इस मामले के आरोपियों में शामिल अनिल कुमार एवं लाल चंद को 2010 में ही दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। श्री सिंह ने बताया कि पंजाब के गुरुदासपुर के निवासी पीड़ित अमरजीत सिंह ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की थी कि 2006 में जागीर सिंह, कुलविंदर सिंह और कुलदीप सिंह ने दिल्ली के अपने सहयोगी एजेंट के साथ मिलकर 18 रुपये की ठगी की।
ये तीनों आरोपी भी पंजाब के गुरुदासपुर के निवावसी है। अमरजीत की शिकायत पर चार अप्रैल 2008 को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा थाने में धोखाधड़ी समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस की दी गई शिकायत में अमरजीत ने कहा था कि जागीर सिंह, कुलविंदर सिंह और कुलदीप सिंह उससे संपर्क कर कहा था कि उनके दिल्ली में ऐसे कुछ लोगों से संपर्क है, जो उसके बेटे (अमरजीत के) निशान सिंह को अमेरिका का वीजा दिलवाने और वहां भेजने में मदद करेंगे।
इस भारोसे पर अमरजीत आरोपियों के साथ दिल्ली के पहाड़गंज के एक होटल में कुल 18 लाख रुपये तय राशि में से एक लाख रुपये अग्रिम दे दिया। आरोपियों ने 20 दिनों के भीतर वीजा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। कुछ दिनों बाद कहा कि अगले जल्दी ही उसके बेटे निशान को अमेरिका भेज दिया जाएगा। आरोपियों ने भरोसा दिया कि तीन नवंबर 2006 को अमेरिका के लिए विमान की टिकट की बुकिंग कर ली गई है।
इस आश्वासन पर अमरजीत ने आरोपियों को बाकी 17 लाख रुपये की रकम दो नवंबर 2006 को पहाड़गंज के एक होटल में दे दिये। रुपये ऐंठने के बार आरोपियों चंपत हो गये। पीड़ित ने काफी इंतजार के बाद शिकायत दर्ज करायी। इस आधार पर जांच शुरू की गई।