हिंसा के खिलाफ पुलिस मुख्यालय के बाहर धरने पर तृणमूल समर्थक

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अगरतला। राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव की अगुवाई में गुरूवार को पुलिस मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे तृणमूल समर्थकों की मांग है कि स्थानीय निकाय चुनावों में हुई उनके उम्मीदवारों के साथ हुई हिंसा की जांच करए जाने के अलावा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दी जाए।
भारी संख्या में धरने पर बैठे तृणमूल समर्थकों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप लगाया।

सुश्री देव ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगरतला नगरपालिका निगम में नाकामयाब रहने के बाद भाजपा के गुंडों ने तृणमूल उम्मीदवारों पर हमले शुरू कर दिए। नामांकन के आखिरी दिन तक भाजपा ने चेतावनी देते हुए दबाव भी बनाया। नामांकन वापस ना लेने पर भाजपा ने उम्मीदवारों और उनके परिवारों पर हमले करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा तृणमूल के 11 उम्मीदवारों को धमकी देते हुए उनके घरों पर हमला किया गया और पार्टी उम्मीदवार एएमसी संगीता बनर्जी के बेटे और बेटी की बुरी तरह पिटा गया।

सुश्री देव ने पार्टी सदस्यों की सुरक्षा पर संज्ञान लेने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, खासतौर पर निगम चुनाव और पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान ऐसा किए जाने की मांग की गई है। उन्होंने पार्टी सदस्यों के खिलाफ हुई बर्बरता और उपद्रव की जांच सेवानिव़ृत न्यायाधीश की अगुवाई वाली एसआईटी से कराए जाने की मांग भी की है।