मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (मानू) और समाना कॉलेज ऑफ़ डिज़ाइन स्टडीज़ (एससीडीएस) के सहयोग से कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। एससीडीएस की चेयरमैन समाना मौसवी ने कहा कि छात्र फैशन और इंटीरियर डिजाइन में एक साल के सर्टिफिकेट कोर्स और दो साल के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।
मुख्य अतिथि इंदिरा वामसी, डीएम जिला बस्ती ने फीता काटकर संस्थान का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि जिस उत्साह के साथ हम कोई काम शुरू करते हैं, उतने उत्साह के साथ हम उसे पूरा नहीं कर पाते। इसलिए काम को पूरी शिद्दत से करना जरूरी है। ऐसा करने से प्रगति और सफलता सुनिश्चित होती है।
समाना मौसवी ने संस्था का परिचय देते हुए बताया कि एससीडीएस ने 6 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है, इनमें से 85% महिलाएं हैं। साल 2018 में, NABA यूनिवर्सिटी इटली के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ, जिसका हमें बहुत फायदा हुआ। हमारे 59 विद्यार्थियों ने “मिलान” जाकर दो महीने तक कक्षाएं लेने के बाद प्रमाण पत्र हासिल किया।
2022 में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी से संबद्धता हुआ। हमारा उद्देश्य छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करना है। यह पूछे जाने पर कि एससीडीएस मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय से संबद्ध है, क्या उर्दू माध्यम के छात्रों को आसानी से शिक्षा मिल सकती है? उन्होंने जवाब दिया कि डिजाइनिंग कोर्स में 50 फीसदी प्रैक्टिकल मार्क्स होते हैं, लेक्चर कम होते हैं, इसलिए छात्रों को भाषा को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती। ऐसे विद्यार्थियों को हम आसानी से प्रशिक्षण दे सकते हैं। इससे पहले तेलुगु आदि भाषा के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने में कोई दिक्कत नहीं होती थी।
कार्यक्रम को मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस की प्रभारी प्रोफेसर हुमा याक़ूब, प्रोफेसर नुजहत हुसैन, डॉ. सरवत तकी और अनवर हबीब अल्वी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर “मानू” लखनऊ कैम्पस के अनेक शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।