वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार दामों में कमी नहीं कर सकती क्योंकि उसे ऑयल बांड्स की देनदारी देनी पड़ रही है। कांग्रेस शासन ने परपंरा शुरू की थी, लेकिन मोदी सरकार को खामियाजा उठाना पड़ रहा है।
मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के मूड़ में नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार दामों में कमी नहीं कर सकती क्योंकि उसे ऑयल बांड्स की देनदारी देनी पड़ रही है। कांग्रेस शासन ने परपंरा शुरू की थी, लेकिन मोदी सरकार को खामियाजा उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि सरकार देनदारी से त्रस्त है और इससे उसके खजाने पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और केरोसिन की बिक्री उनकी वास्तविक लागत से काफी कम दाम पर की गई थी। तब की सरकार ने इसके लिये कंपनियों को सीधे सब्सिडी देने के बजाय 1.34 लाख करोड़ रुपये के तेल बॉंड जारी किए थे। उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 100 डालर प्रति बैरल से ऊपर निकल गए थे।
उधर, तेल कंपनियों की ओर से लगातार 30वें दिन भी पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ। पिछले महीने में 17 जुलाई के बाद से तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। तब पेट्रोल की कीमत 29 से 30 पैसे तक बढ़ी थी। इसके बाद से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 101.84 रुपये है। डीजल का दाम 89.87 रुपये प्रति लीटर है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 107.83 रुपये है।
मध्यप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल का भाव 100 रुपये पार हो चुका है। इसके अलावा महानगरों में मुंबई, हैदराबाद और बंगलूरू में पेट्रोल पहले ही 100 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुका है।